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जनपद में चार स्थानों पर आयोजित मॉकड्रिल में आपदा प्रबंधन की तैयारियों का रियल टाइम परीक्षण, मगरमच्छ से लेकर नाव डूबने तक के हालात में किया गया सफल रेस्क्यू।

जनपद में चार स्थानों पर आयोजित मॉकड्रिल में आपदा प्रबंधन की तैयारियों का रियल टाइम परीक्षण, मगरमच्छ से लेकर नाव डूबने तक के हालात में किया गया सफल रेस्क्यू।

रुद्रपुर/उधमसिंहनगर :(चरनसिंह सरारी) सचिव आपदा प्रबंधन के निर्देशानुसार एवं जिलाधिकारी/जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अध्यक्ष नितिन सिंह भदौरिया के नेतृत्व में ऊधमसिंह नगर जनपद के चार संवेदनशील स्थानों – गुलरभोज जलाशय गदरपुर, अरविन्द नगर सितारगंज, हेमपुर इस्माइल काशीपुर और नानकमत्ता जलाशय में वर्षा काल के दौरान संभावित बाढ़ व जलभराव की स्थिति से निपटने को लेकर वृहद स्तर पर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा के समय जीवनरक्षक कार्यों की गुणवत्ता को परखने के लिए मॉकड्रिल अत्यंत आवश्यक है, जिससे व्यवस्थाओं में समय रहते सुधार किया जा सके।मॉकड्रिल के तहत गुलरभोज/हरिपुरा डैम क्षेत्र में 3 परिवारों के 25 लोगों को फंसे होने की सूचना पर रेस्क्यू किया गया, जिसमें एक गंभीर घायल को ऋषिकेश एम्स भेजा गया, चार को जिला चिकित्सालय, दो को सीएचसी गदरपुर तथा शेष 18 को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा गया। वहीं अरविन्द नगर, सितारगंज में मगरमच्छ के गांव में घुसने व चार लोगों के घायल होने की सूचना पर वन विभाग एवं स्वास्थ्य टीम सक्रिय हुई, गंभीर घायल को सीएचसी सितारगंज भेजा गया और मगरमच्छ को पकड़कर आबादी से दूर छोड़ा गया। काशीपुर के हेमपुर इस्माइल क्षेत्र में बहल्ला नदी का जलस्तर बढ़ने से जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई, जिसमें 4 व्यक्ति व 2 भैंसें घायल हुईं, जिन्हें पशु चिकित्सा एवं मानव स्वास्थ्य टीम द्वारा उपचार दिया गया।उप तहसील नानकमत्ता में अत्यधिक वर्षा के कारण नानक सागर डैम में दो नावों के डूबने की सूचना पर राहत-बचाव कार्य चलाया गया, जहां पहली नाव में सवार 5 और दूसरी में 4 लोग डूब गए थे, सभी को रेस्क्यू टीमों द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस दौरान एक मगरमच्छ के पहुंचने पर वन विभाग द्वारा उसे भी सुरक्षित रेस्क्यू कर अन्यत्र छोड़ा गया।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमा शंकर नेगी ने बताया कि मॉकड्रिल में उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, सीओ सहित पुलिस बल के 54, स्वास्थ्य विभाग के 36, फायर ब्रिगेड के 32, एसडीआरएफ के 8, एनडीआरएफ के 17, वन विभाग के 10, होमगार्ड के 28 जवानों, 6 एम्बुलेंस और पशु चिकित्सकों की 8 सदस्यीय टीम ने सहभागिता कर चारों स्थानों पर राहत-बचाव कार्यों का अभ्यास किया।
पूरे अभ्यास की निगरानी जिला आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र, रुद्रपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। जिसमें अपर जिलाधिकारी प्रशासन कौस्तुभ मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. उत्तम सिंह नेगी, आरडी मठपाल, ओसी आपदा प्रबंधन गौरव पांडेय, एसीएमओ डॉ. एसपी सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना, सीएफओ ईशान कटारिया, अधिशासी अभियंता सिंचाई बीएस डांगी, पेयजल विभाग के सुनील जोशी, विद्युत विभाग से उमाकांत चतुर्वेदी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। मॉकड्रिल के माध्यम से जनपद की आपदा प्रबंधन प्रणाली की तैयारियों का प्रभावी परीक्षण किया गया और वास्तविक आपदा की स्थिति में समन्वित प्रयासों से जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने का संदेश दिया गया।

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