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रायसिख समाज को उत्तराखंड में भी पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा।

रायसिख समाज को उत्तराखंड में भी पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा।

रुद्रपुर/उधम सिंह नगर:(चरनसिंह सरारी) राय सिख समाज को अनुचित जाति का दर्जा दिए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महामंत्री नानकमत्ता रहे सरदार संता सिंह बिचई एवम रायसिख सघर्ष समिति नानकमत्ता के नेतृत्व में एक मांग पत्र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजा गया है। जिसमें उनके द्वारा कहा गया है कि पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर राय सिख समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा दिया जाए। वैसे तो उत्तराखंड में काफी लंबे समय से राय सिख समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने की मांग रायसिख समाज करता आ रहा है। लेकिन आज तक कांग्रेस हो या भारतीय जनता पार्टी दोनों ही पार्टियों ने राय सिख समाज की मांग को दरकिनार करते हुए उनकी बात को अनसुना किया है।वैसे तो वोट लेने के समय कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों द्वारा रायसिख समाज के आगुओ को अनुसूचित जाति का दर्जा उत्तराखंड में भी दिलाए जाने का वादा किया जाता रहा है। लेकिन वोट लेने तथा सरकार बनने के बाद दोनो ही पार्टियां मांग पत्र को ठंडे बस्ते में डाल देती है। एक - दो बार प्रदेश सरकारों ने प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकारों को भेजा भी लेकिन उसके बाद मामला वही ठंडा पड़ गया।उत्तराखंड के रायसिख समाज ने एक बार फिर से इस मांग को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना मांग पत्र भेजकर रायसिख समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाए जाने का भरोसा जताया है।अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा की प्रदेश व केंद्र सरकार इस और कब ध्यान देती है। मांग पत्र भेजने वाले रायसिख समाज में सरदार संता सिंह,गुरनाम सिंह,कुलवंत सिंह,लक्खा सिंह, काला सिंह,सुरजीत सिंह,अमरजीत सिंह,बलदेव सिंह,बच्चन सिंह, कृपाल सिंह,जोगेंद्र सिंह,गुलजार सिंह,दर्शन सिंह,चरन सिंह,सतनाम सिंह,जसवंत सिंह आदि सैकड़ों लोग शामिल रहे।

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