नानकसागर डैम का जलस्तर खतरे के निशान पर, फाटक खोलने से पीलीभीत के गांवों में डूबने की आशंका, प्रशासन अलर्ट।
02 सितंबर, 2025
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नानकमत्ता:(चरनसिंह सरारी) पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में बीते कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के चलते नानकसागर डैम का जलस्तर सोमवार को अचानक खतरनाक स्तर तक पहुंच गया, जिसके बाद डैम कंट्रोल रूम से कई फाटक खोलने पड़े। डैम में 702 फीट पानी मापा गया, जिससे सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 16,951 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं बैगुल डैम में भी 208 फीट पानी भर जाने पर 2,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके चलते उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद के कई गांवों में जलभराव और डूबने का खतरा गहराने से हड़कंप मच गया। हालात को संभालने के लिए यूपी के कई अधिकारी नानकसागर डैम कंट्रोल रूम में डेरा डाले हुए हैं और लगातार डैम से छोड़े जा रहे पानी की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इससे पहले रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नानकसागर डैम का स्थलीय निरीक्षण कर जलस्तर का जायजा लिया था और सिंचाई विभाग को बारिश के मद्देनजर समय रहते पानी नियंत्रित रूप से छोड़ने के निर्देश दिए थे। डैम से छोड़े जा रहे तेज बहाव को देखने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी भी पहुंच रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि देवहा ओर कटना नदी का जल स्तर बढ़ जाने का कारण टुकड़ी,बिचुवा थारू ओर बगिया में ग्रामीणों के घरों में पानी घुस जाने से ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है।जिसके चलते मंगलवार को पूर्व विधायक डॉ.प्रेम सिंह राणा ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया है। पहाड़ों पर लगातार बारिश की स्थिति से डैम के ओवरफ्लो होने का खतरा बढ़ सकता है, लिहाजा विभाग मंगलवार तक हाई अलर्ट पर है। बैगुल डैम से छोड़ा गया पानी बरेली और शाहजहांपुर जिलों तक सिंचाई कार्य में उपयोग होता है, लेकिन मौजूदा हालात में अगर बारिश तेज रही तो यह पानी तटीय गांवों के लिए आफत बन सकता है।