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कैलाश नदी और बैगुल नदी के बढ़ते जलस्तर व तेज भू-कटाव से ग्रामीणों में भारी रोष, प्रशासन पर भारी नाराजगी, कई गांवों की उपजाऊ भूमि बहने का खतरा।

कैलाश नदी और बैगुल नदी के बढ़ते जलस्तर व तेज भू-कटाव से ग्रामीणों में भारी रोष, प्रशासन पर भारी नाराजगी, कई गांवों की उपजाऊ भूमि बहने का खतरा।


सितारगंज : (चरनसिंह सरारी) सितारगंज क्षेत्र की कैलाश नदी, सूखी नदी और बैगुल नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर और तेज भू-कटाव से आसपास के साधुनगर, डोहरा, इंजीनिया, रसोइयापुर, सलमती, झाड़ी, गोठा, बरुआबाग,निर्मलनगर समेत कई गांवों के किसान और ग्रामीण गहरे आक्रोश में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने बार-बार प्रशासन और सिंचाई विभाग को चेतावनी दी और अस्थायी तटबंध बनाने की मांग की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस बरसात में आधा दर्जन गांवों की कई एकड़ उपजाऊ कृषि भूमि नदी में समा चुकी है, जबकि कटाव तेजी से गांव की ओर बढ़ रहा है। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर तुरंत प्रभावी उपाय नहीं किए गए तो कई और गांवों को भी बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। स्थानीय ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण उनके खेत, फसल और घर खतरे में हैं, और अब वे मजबूरन खुद ही अस्थायी बांध और सुरक्षा के प्रयास करने पर मजबूर हैं। वहीं, सिंचाई विभाग ने कुछ निरीक्षण किए हैं, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह नाकाफी है और अब हर पल खतरा बढ़ता जा रहा है।

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