तलाकशुदा महिला की आबरू से मोलाबी ने किया खिलवाड़।
04 मार्च, 2024
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काशीपुर:(चरनसिंह सरारी) पति से संबंध विच्छेद होने के बाद अपने तीन बच्चों का भरण पोषण कर रही तलाकशुदा महिला पर एक हाफिज की गंदी नजर पड़ गई। बच्चों को टड्ढूशन पढ़ाते पढ़ाते हाफिज ने महिला को शीशे में उतारकर आबरू से खिलवाड़ शुरू कर दिया। लोगों को जब इसका पता चला तो भारी दबाव के बीच हाफिज को तलाकशुदा महिला से कथित तौर पर शादी करना पड़ा जबकि वह पहले से ही तीन बच्चों का बाप है और स्थानीय एक मस्जिद में इमामत करता है। महिला का आरोप है कि ससुराल में पति के साथ कुछ दिन ठीक बीते इसके बाद उसके साथ दुर्व्यवहार ही नहीं शुरू हुआ बल्कि पति के दो बड़े भाइयों ने भी उसे पर गलत निगाह डालनी शुरू कर दी। विरोध करने पर आरोपियों ने उसे मौत के घाट उतारने का प्रयास किया। घटना के बारे में पुलिस को तहरीर देकर वार्ड नंबर 23 मोहल्ला अल्ली खां निवासी विधवा महिला ने बताया कि उसके तीन बच्चे हैं। वैचारिक मतभेद के कारण पति से तलाक हो गया। वह अपने बच्चों को लेकर अकेली रहती थी इसी बीच महुआखेड़ा गंज निवासी एक हाफिज उसके बच्चों को टड्ढूशन पढ़ाने घर आने लगा। हाफिज ने धीरे-धीरे विधवा महिला को भरोसे में लेकर उसके साथ शारीरिक संबंध बना लिए। यह बात जब विधवा के परिजनों एवं स्थानीय लोगों को पता चली तो भारी दबाव के बीच हाफिज को विधवा महिला से शादी करना पड़ा। आरोप है की महिला जब पति के संग ससुराल पहुंची तो कुछ दिन ठीक बीते इसके बाद पति के दो सगे बड़े भाइयों ने उस पर गंदी निगाह रखना शुरू कर दिया। विरोध करने पर महिला का बुरी तरह उत्पीड़न किया जाने लगा। इसी क्रम में महिला को गला घोटकर मौत के घाट उतारने का प्रयास किया गया। पीड़िता का कहना है कि पति के बड़े भाई ने एक बार आबरू से खिलवाड़ करने को लेकर उसकी कनपटी पर तमंचा तान दिया था। जालिमों के चुंगल से किसी तरह महिला ने जान बचाकर वापस मायके की शरण ली लेकिन इस बार उसे घर भी नसीब नहीं हुआ। खबर लिखे जाने तक पीड़िता अपने मासूम बच्चों के साथ परिचित के मकान में शरण लिए हुए हैं।
सीएम पोर्टल पर भी दर्ज है शिकायत।
काशीपुर: तलाकशुदा महिला की अस्मत से खिलवाड़ किए जाने का हैरतअंगेज मामला बांसफोड़ान चौकी पुलिस के संज्ञान में है। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज किए हैं। उधर दूसरी ओर पीड़िता ने न्याय की खातिर मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है लेकिन लगभग 10 दिन बीत जाने के बाद भी उसके पक्ष में कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई है।