सरकारी जमीन को प्रशासनिक टीम ने किया पहले अतिक्रमण से मुक्त।फिर प्रशासन ने आज कराया दोबारा से अतिक्रमण।तहसीलदार ने सरकारी जमीन होने से किया था पहले इंकार।
14 फ़रवरी, 2024
Edit
सितारगंज:(विशेष ब्यूरो) भू माफिया द्वारा महाराणा प्रताप चौक के निकट सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए जा रहे मकान को आखिर प्रशासनिक टीम ने मंगलवार को ध्वस्त कर दिया था लेकिन आज फिर प्रशासन की टीम ने अतिक्रमणकारी को सह देकर दोबारा से अतिक्रमण करवा दिया है, दिन रात अतिक्रमणकारियों द्वारा ज्यादा मजदूर लगाकर काम कराया जा रहा है कहीं ना कहीं इस मामले को लेकर प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं।
सितारगंज स्थित महाराणा प्रताप चौक के निकट चोर गलियां बाइपास मार्ग में रास्ते की सरकारी भूमि पर, भू माफिया द्वारा अवैध रूप से निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है जबकि भूमि स्वामी के नाम से भी कुछ भूमि बताई जा रही हैं ।बताया जा रहा है कि इस पर पहले से ही अतिक्रमण हो रखा है।लेकिन भूमि स्वामी द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण करने की शिकायत मिलने पर राजस्व विभाग कर्मी मौके पर पहुंच कर नजरी- नक्शा के जरिए भूमि की पैमाइश की थी। पैमाइश के दौरान खसरा नंबर 453/2 में 160 वर्ग गज बंजर श्रेणी की भूमि में निर्माण होता हुआ मिला। परंतु कुछ समय पश्चात राजस्व विभाग के अधिकारी पुनः मौके पर पहुंचे एवं अवैध निर्माण कार्य में लीपा पोती करके वापिस आ गए। इस दौरान अवैध निर्माण में कुछ सूत्रों द्वारा दबी जुबान में राजस्व विभाग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत होने का भी अंदेशा जताया है। सोमवार को तहसीलदार पूजा शर्मा द्वारा स्पष्ट कहा गया था कि, प्रारंभिक जांच में पटवारी द्वारा उन्हें उक्त जमीन सरकारी न होने की रिपोर्ट दी गईं है। इसके वावजूद भी उन्होंने संयुक्त जांच कराए जाने को निर्देशित किया। मंगलवार को कानूनगो वीरेंद्र लाल, पटवारी रामअवतार की अगुवाई में राजस्व एवं नगर पालिका की टीम मौके पर पहुंच कर सरकारी जमीन पर किए जा रहे अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया था
सोमवार को नहीं थी सरकारी जमीन, मंगलवार को कर दिया ध्वस्त।लेकिन बुधवार को फिर से अतिक्रमण होना शुरू हो गया।
शहर के बीचो-बीच महाराणा प्रताप चौक के पास का मामला होने के कारण प्रशासन पर अब हो रहे हैं बड़े सवाल खड़े।
सितारगंज:(विशेष ब्यूरो) सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में, राजस्व विभाग की भूमिका भी संदिग्ध रही। सोमवार को तहसीलदार पूजा शर्मा ने स्पष्ट कहा कि पटवारी द्वारा उन्हें जो प्रारंभिक रिपोर्ट दी गई, उस रिपोर्ट में वह जमीन सरकारी नहीं है। आखिर रात बितते ही उक्त भूमि सरकारी कैसे बन गई। जिससे स्पष्ट है कि राजस्व विभाग के कुछ कर्मियों की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध है। आखिर सोमवार तक तो सरकारी जमीन नहीं थी, परंतु मंगलवार को प्रशासनिक टीम ने निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया।
प्रशासन की सह पर आज फिर अतिक्रमणकारियों द्वारा निर्माण कार्य शुरू कर दिया कुछ पत्रकार व भाजपा नेता भी मामले को निपटाने में लगे हुए है अभी कुछ दिन पूर्व हल्द्वानी बनभूलपुरा में अतिक्रमण मुक्त करने के चक्कर में 12 लोगों की जान गई थी वहीं सितारगंज विधानसभा में भी महाराणा प्रताप चौक पर बंजर भूमि पर आलीशान बंगले बना अतिक्रमण कर रखा है।जिससे शासन प्रशासन पर बड़े सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं क्योंकि आज सितारगंज क्षेत्र के लोगों की निगाहें सितारगंज के प्रशासन पर टिकी हुई है कि सितारगंज महाराणा प्रताप चौक पर बन रहे मकान को क्या प्रशासन तोड़ पाएगा या नहीं ये तो वक्त के गर्व में छिपा है।