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हाईकोर्ट को गौलापार की जगह अन्यत्र शिफ्ट करना तय,सचिव ने डीएम को दिये निर्देश।

हाईकोर्ट को गौलापार की जगह अन्यत्र शिफ्ट करना तय,सचिव ने डीएम को दिये निर्देश।

देहरादून:(चरनसिंह सरारी) उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के गौलापार शिफ्ट होने का मामला अधर में लटकने के साथ ही शासन ने जिलाधिकारी से तत्काल कोई दूसरी राजस्व भूमि तलाशने को कहा है। सचिव के पत्र में कहा गया है कि उस भूमि में हाई राइज बिल्डिंग(ऊंचे भवन)जिसमें कॉन्क्रीट और हरियाली हो का ले-आउट प्लान बनाकर शासन को भेजें।

ऊत्तराखण्ड निर्माण के समय वर्ष 2000 में उच्च न्यायालय की स्थापना नैनीताल में की गई थी। यहां समय के साथ न्यायालय के फैलाव और अधिवक्ताओं की बढ़ती संख्या व पर्यटन स्थल को हो रहे नुकसान को देखते हुए अबसे कुछ वर्ष पूर्व इसे गौलापार शिफ्ट करने का एक प्लान केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से बना था। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने गौलापार में इसके लिए अनुमती अटका दी। जानकारी मिली है कि बीती 24 जनवरी को आर०ई०सी० की 82वीं बैठक में इस प्रस्ताव को Non-site specific activity category में रखे होने के कारण अस्वीकृत कर दिया गया।

वन भूमि हस्तातंरण का प्रस्ताव केंद्र की हाई इम्पावर्ड कमेटी ने खारिज कर दिया। आर०ई०सी० के सदस्यों ने राज्य सरकार से राजस्व भूमि में कम क्षेत्र घेरने वाली बहु-मंजिली इमारत के साथ कंक्रीट और ग्रीन फुटफॉल का उल्लेख करते हुए एक स्पष्ट ले आउट योजना तैयार करने को कहा।

राज्य सरकार में सचिव पंकज कुमार पाण्डेय ने नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह को 20 फरवरी को लिखे पत्र में कहा कि हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। पत्र में आर०ई०सी० की 82वीं बैठक का हवाला देते हुए कमिटी द्वारा गौलापार में वन भूमि पर एन०ओ०सी० देने को अस्वीकार करते हुए राजस्व भूमि में अच्छे ले आउट से ऊंचे भवन बनाकर न्यायालय स्थापित करने का निर्देश दिया है।
पत्र में आर०ई०सी० की बैठक के प्रस्ताव का विवरण देकर शासन को अवगत कराने को कहा है।
उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि इस तात्कालिक एवं संवेदनशील प्रकरण पर तत्काल राजस्व भूमि की उपलब्धता के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट करते हुये शासन को अवगत कराने का कष्ट करें। पत्र की एक कॉपी प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, प्रमुख सचिव न्याय, रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय, आयुक्त कुमाऊं मंडल, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग, चीफ टाउन प्लानर और अधिशासी अभियंता निर्माण खंड को भेजी गई है।

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