10 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के मरे गैगस्टर व कुख्यात अपराधी को जिन्दा पकड लायी उधमसिंहनगर पुलिस।
01 जुलाई, 2024
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सितारगंज/उधमसिंहनगर:(चरनसिंह सरारी) आपरेशन प्रहार के अन्तर्गत कोतवाली सितारगंज पुलिस द्वारा 10 वर्ष पूर्व अपने साथी की हत्या कर उसके शव का अपने नाम से पंचायतनामा करवाकर स्वयं का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर जिन्दा रह रहे उत्तर प्रदेश के गैगस्टर व उसके इस षडयन्त्र में उसका सहयोग करने वाले उसके भाई को पुलिस ने आखिर गिरफ्तार कर ही लिया।
बीते लगभग 10 वर्ष पूर्व 29 जुलाई 2015 को अभियुक्त मुकेश यादव द्वारा अपने ही गाँव के रहने वाले मनिन्दर उर्फ मनी की सितारगंज क्षेत्र में हत्या कर शव को वाहन से बूरी तरह से कुचलवाकर उक्त हत्या को दुर्घटना का रूप देकर उक्त षडयन्त्र में स्वयं के परिजनों को शामिल कर शव को अपनी पहचान देने के लिये उसके कपडों में अपना आधार कार्ड व एक डायरी जिसमें अपने परिजनों का नम्बर दर्ज कर उक्त शव की शिनाख्त स्वयं के रूप में अपने परिजनों से कराकर पंचायतमाना व पोस्टमार्टम कराकर स्वयं का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर उत्तर प्रदेश क्षेत्र में अपने ऊपर चल रहे विभिन्न अभियोगों को बन्द करवाने के उद्देश्य से षडयन्त्र रचा था तथा आधार कार्ड , ड्राईविंग लाइसेन्स , पासपोर्ट व अन्य अभिलेखों में अपना नाम मुनेश यादव दर्ज करवाकर अपने को छुपाने के लिये जिला शहजहाँपुर में रह रहा था । जिसे शाहजहाँपुर पुलिस द्वारा मुखबिर की सूचना पर वर्ष 2022 में गिरफ्तार किया गया तथा पूछताछ में उसके द्वारा सितारगंज क्षेत्र में किसी अज्ञात व्यक्ति के शव को अपनी पहचान देकर स्वयं का पंचायतनामा कराकर अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर अपने कागजातों में अपना नाम मुनेश यादव दर्ज करना बताया गया । उक्त मुकेश यादव के जिन्दा होने की सूचना पर उसके गाँव के निवासी मोनू यादव द्वारा उसके भाई मनिन्दर उर्फ मनी जो मुकेश कुमार के साथ काम करता था का घटना के दिन से ही लापता होने के बारे में उच्चधिकारियों को सूचित किया गया । मामले में सही तथ्य प्रकाश में लाने व मुकेश यादव द्वारा अपने को मरा घोषित करने में इस्तेमाल शव के विषय में जानकारी करने हेतु उक्त प्रकरण में उच्चाधिकारियों द्वारा जाँच के आदेश दिये गये जिसके अनुपालन में उक्त प्रकरण की जाँच एस०टी०एफ० उत्तराखण्ड द्वारा की गयी तथा जाँच से प्रकरण में यह तथ्य प्रकाश में आये की अभियुक्त मुकेश यादव द्वारा अपने साथ काम करने वाले अपने ही गाँव के मनिन्दर उर्फ मनी की हत्या कर उसके शव को अपनी पहचान देने हेतु उसके पास अपना पहचान पत्र व डायरी जिसमें उसके घरवालों के नम्बर लिखे गये थे को रखकर अपने परिजनों के माध्यम से उक्त मनिन्दर के शव का स्वयं के नाम (मुकेश यादव ) से पंयातनामा व पोस्टमार्टम कराकर अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनाना पाया गया । अभियुक्त मुकेश यादव द्वारा मनिन्दर सिंह उर्फ मनी की हत्या कर उसके शव को अपनी पहचान देकर अपने परिजनों के माध्यम से उसका स्वयं के नाम से पंचायतनामा व पोस्टमार्टम कराये जाने तथा उसके उक्त कृत्य में उसके परिजनों द्वारा उसका सहयोग करने के तथ्य सही पाये जाने पर एसटीएफ उत्तराखण्ड की जाँच रिपोर्ट के आधार पर उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार कोतवाली सितारगंज में अभियुक्त मुकेश यादव व उसके परिजनों के विरूद्ध कोतवाली सितारगंज में एफआईआर स०-217/2024 धारा-302/201/120बी भादवि बनाम अभियुक्तगण मुकेश यादव पुत्र भीकम सिंह, धऱम पाल पुत्र भीकम सिंह ,भीकम सिंह पुत्र रामचन्द्र ,सूधा ,संगीता निवासीगण हसनगंज का मजरा , थाना मुढापाण्डे जिला उत्तर प्रदेश व पप्पु पुत्र किशन पाल निवासी लालपुर पट्टी खुर्द थाना पटवई जिला रामपुर उत्तर प्रदेश सहित छः लोगो के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर विवेचना प्रभारी निरीक्षक सितारगंज के सुपुर्द की गयी ।
मामले की गम्भीरता को देखते हुए श्रीमान् वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रूद्रपुर एवं पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन में व श्रीमान् क्षेत्राधिकारी सितारगंज के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक सितारगंज को विवेचना प्रदान की गयी तथा उक्त अभियोग से सम्बन्धित अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी हेतु टीमें गठित की गयी । जिसके क्रम में गठित टीमों द्वारा मामले की गम्भीरता को देखते हुँए ठोस सुरागरसी-पतारसी करते हुए बीते रविवार को मुकदमा उपरोक्त में नामजद अभियुक्त मुकेश यादव पुत्र भीकम सिंह निवासी हसनगंज का मजरा थाना मुढापाण्डे जिला मुरादाबाद उ०प्र० हाल पता आदर्शनगर कॉलोनी गली न० 4 थाना रोजा जिला शाहजहापुर उ०प्र० उम्र 47 वर्ष तथाअभियुक्त के षडयन्त्र में शामिल उसके भाई अभियुक्त धर्मपाल पुत्र भीकम सिंह निवासी निवासी हसनगंज का मजरा थाना मुढापाण्डे जिला मुरादाबाद उ०प्र० उम्र-30 वर्ष को स्थान लालकूआ किच्छ रोड में शमशान घाट के पास से गिरफ्तार किया गया तथा थाना सितारगंज पर लाकर विस्तृत पूछताछ की गयी तो अभियुक्त मुकेश यादव द्वारा बताया गया कि वर्ष 1999 में उत्तर प्रदेश होमगार्ड में भर्ती हो गया था मेरी ड्युटी मुरादाबाद के थानों में ही रहती थी । कुछ समय के बाद में ड्युटी करने के उपरान्त सडकों में गाडियों को रोककर उनसे अवैध वसूली करता था जिसकी शिकायत जब पुलिस को पहुची तो मेरे खिलाफ विभागीय कार्यवाही के बाद मुझ बर्खास्त कर दिया था जिसके बाद मैं छोटे मोटे अपराध करने लगा था और मैने अपराध की दुनिया में अपनी पैठ बना ली थी जिस पर मेरे विरूद्ध जनपद मुरादाबाद में काफी मुकदमे पंजीकृत हो गये थे । जिस कारण आये दिन पुलिस मेरे घर पर आती जाती रहती थी जिससे मैं व मेरा पूरा परिवार परेशान हो गया था । जिस कारण मैने अपने परिवार वालो के साथ मिलकर योजना बनाई की मै स्वयं को मृत दिखाकर अपने सारे आपराधिक केश बन्द करवा लूगाँ । मेरे गाव का रहने वाला मनिन्दर मेरे ही कद काठी का था तथा तब मैने मनिन्दर को मारकर उसके शव को अपनी पहचान देकर अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर अपने उपर उत्तर प्रदेश के न्यायालयों में विचाराधीन समस्त आपराधिक मामलों को बन्द करवाने की योजना बनायी। इसी बीच मनिन्दर का भाई मोनू गाडी चोरी के मामले में देहरादून जेल चला गया था तथा मैने मौके का फायदा उठाकर मनिन्दर को पैसों का लालच देकर अपने भरोशे में ले लिया तथा 28 जुलाई.2015 को मैने मनिन्दर को रामगंगा पुल मुरादाबाद के पास से अपनी कार में बैठाया और रूद्रपुर ले आया था और रास्ते में मनिन्दर को काफी शराब पिला दी थी । जब हम रूद्रपुर पहुचे तो रात के लगभग 9 बजे रहे थे वहाँ पर हैप्पी मिला तथा जब हम सिसैया के पास पहुचे तो वहाँ पर सडक किनारे दाहिनी तरफ कार और बाईक खडी कर फिर शराब पीने लगे व सुनसान जगह थी जब मनिन्दर को काफी नशा हो गया और वह खडा भी नही हो पा रहा था रात करीब 1 बजे मैने सडक किनारे पडे एक पत्थर से मनिन्दर के सर में 2-3 बार जोरदार वार किये जिससे वह बेहोश हो गया जिसके बाद मैने अपने आधार कार्ड और एक डायरी जिसमें मेरे परिवार वालों के मोबाईल नम्बर लिखे थे मनिन्दर की पहनी पैण्ट की जेब में डाल दिये थे तथा मै और हैप्पी किसी भारी वाहन के आने का इन्तजार करने लगे तभी कुछ समय बाद खटीमा से किच्छा की ओर एक बडा ट्रक आ रहा था जैसे ही ट्रक का अगला हिस्सा हमसे पार हुआ हम दोनों ने मनिन्दर को मिट्टी के टीले से रोड की तरफ तेजी से धकेला जिससे मनिन्दर ट्रक के पिछले टायरों से बूरी तरह कुचल गया था । फिर हम दोनों ने मो०सा० को मनिन्दर की लाश के पास गिरा दिया और हम दोनों कार से भाग गये फिर मेरे परिवार वालों ने मेरे बतायेनुसार सितारगंज अस्पताल में आकर शव की शिनाख्त मेरे रूप में की तथा शव का पंचायतमाना व पोस्टमार्टम मेरे नाम से कराकर मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र मेरे भाई धर्मपाल ने नगरपालिका सितारगंज से बनवा लिया था। पूछताछ में पकडे गये अभियुक्त धर्मपाल ने भी मुकेश यादव द्वारा बताये गयी बात का समर्थन किया गया जिस कारण अभियुक्त मुकेश यादव उपरोक्त को उसके जुर्म धारा 302/201/120बी भादवि तथा अभियुक्त धर्मपाल को धारा-302/120बी भादवि में गिरफ्तार किया गया । जिन्हे समय से माननीय न्यायालय पेश किया जायेगा। दोनो अभियुक्तों पर उ०प्र० के कई थानों में मुकदमे दर्ज है।गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में बहादुर सिंह चौहान पुलिस क्षेत्राधिकारी सितारगंज,भूपेन्द्र सिंह बृजवाल प्रभारी निरीक्षक कोतवाली सितारगंज(विवेचक),व०उ०नि०कविन्द्र शर्मा कोतवाली सितारगंज,उ०नि० सुरेन्द्र प्रताप सिंह बिष्ट चौकी प्रभारी सरकडा,उ०नि० जगदीश चन्द्र तिवारी चौकी प्रभारी शक्तिफार्म,अ०उ०नि० सुरेन्द्र सिंह दानू ,अ०उ०नि० राकेश सिंह रौकली, हे० का० कुन्दर सिंह बोरा,का० विनीत कुमार,का० गिरीश चन्द्र,का० भारत भूषण,का० मनोज जोशी ,का० भूपेन्द्र सिंह,म० का० दीप्ती कार्की, का० भूपेन्द्र आर्या एस०ओ०जी० रूद्रपुर आदि शामिल थे।