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रामलीला में सूर्पनखा नासिका छेदन,व सीताहरण लीला का हुआ मंचन।

रामलीला में सूर्पनखा नासिका छेदन,व सीताहरण लीला का हुआ मंचन।

सितारगंज:(चरनसिंह सरारी) नगर में उत्तरांचल सांस्कृतिक विकास समिति के तत्वाधान में आयोजित श्री रामलीला के रंग मंच में सीता हरण की लीला हुई। रावण के दरबार में नर्तकी रूप में बसंत आर्य व संजय कांडपाल द्वारा नृत्य देखने हजारों की भीड़ उमड़ी।रामलीला में रावण की बहन सूपनखा श्रीराम, लक्ष्मण को देखकर मोहित हो जाती है और श्रीराम के समक्ष विवाह प्रस्ताव रखती है। जिसे श्रीराम ठुकरा देते है। लक्ष्मण ने श्रीराम के इशारे पर सूपनखा की नाक कान काट डाले। नाक कटने पर सूपनखा अपने भाइयों के पास जाकर सारा वृतांत सुनाती है। ये सब सुनकर खर दूषण त्रिशरा युद्ध के लिए चलते है। भगवान श्रीराम राक्षसों के समूह को देखकर सीताजी से कहते है कि हे सीता राक्षसों का वध करने के लिये आप अग्नि में समा जाओ और मेरे साथ आपका प्रतिबिम्ब रहेगा मै अब नर लीला करूंगा।उसके बाद खर दूषण त्रिशरा का वध हुआ। सूपनखा बिलखती रावण के पास पहुँची और सारा वृत्तांत सुनाया। रावण ने सोचा खर दूषण मेरे समान बलवान थे जरूर भगवान का अवतार हो गया। इसलिए सीता हरण कर अपने राक्षस समाज का उद्धार करवाऊंगा। मारीच को सोने का मृग बनाकर स्वयं साधु का वेश धारण कर सीता का हरण किया। रावण जटायु युद्ध होता है। रावण अशोक वाटिका में सीता को ले जाता है। राम विलाप एवं जटायु उद्धार किया गया।स्थानीय कलाकारों की यह प्रस्तुति दर्शकों को खूब भाई यहां हारमोनियम में स्वर दे रहे हैं सी०बी० भट्ट तो केशव दत्त शर्मा तबले में दे रहे हैं ताल वहीं पर्दे के पीछे मेकअप मैं प्रेम राम व उनके पुत्र विनय कुमार पिता पुत्र की यह जोड़ी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं पर्दे में उमेद सिंह नेगी तो  व्यवस्था प्रमुख के तौर पर लक्ष्मी दत्त सकलानी अपनी जिम्मेदारी बखूबी  निभा रहे हैं लीला का निर्देशन पंडित प्रकाश चंद्र भट्ट कर रहे हैं ।
इस दौरान सैकड़ो राम भक्तों के साथ समिति के अध्यक्ष गोपाल सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष अंबा दत्त मौनी, कोषाध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट, धीरेंद्र पन्त, दीपचंद भट्ट, खजान चंद जोशी, बद्री दत्त नगदली, मदन परिहार,  डी०के० पन्तोला, त्रिलोचन गहतोड़ी, भूवन गडकोटी, इंद्र मेहरा, ललित मैनाली, प्रकाश बोरा,पानदेव भट्ट, सुरेश जोशी, आनंद बल्लभ भट्ट,  राजू पन्तोला, गिरीश जोशी, मनोज जोशी, बसंत जोशी, प्रेम सिंह गोनिया, खड़क नाथ गोस्वामी, भोला जोशी, समसानी शेखर जोशी, खीमानंद भट्ट, दीपक भट्ट, राजेंद्र जोशी,दीपा सकलानी,  गीता गडकोटी, पुष्पा जोशी, कमला दुर्गापाल,  भावना जोशी, माया मौनी,  हेमा जोशी, आशा भट्ट, गरिमा बिष्ट, उमा बिष्ट, भावना दुर्गापाल, गीता गोस्वामी, नीमा गोस्वामी, सीता पन्तोला, लत्तू बिष्ट, दीपक बिष्ट, रोशन सिंह  सहित समिति के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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