उत्तराखंड स्थापना दिवस पर के.जे.एम. सीनियर सेकेंडरी स्कूल नानकमत्ता में सांस्कृतिक रंगों से सजा विशेष कार्यक्रम, नन्हे बच्चों ने परंपराओं को जीवंत कर जीता दिल।
08 नवंबर, 2025
Edit
नानकमत्ता:(चरनसिंह सरारी) उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को नगर स्थित के.जे.एम. सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य महेश जोशी एवं प्रबंधक कैलाश चंद्र जोशी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके उपरांत विद्यालय परिसर में राज्य की लोक संस्कृति, परंपराओं और उपलब्धियों को समर्पित एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य जोशी ने उत्तराखंड की स्थापना, उसकी भौगोलिक विशेषताओं, गौरवशाली इतिहास, तथा वीर सपूतों की शौर्यगाथाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 9 नवम्बर 2025 को उत्तराखंड राज्य अपने गठन के 25 वर्ष पूर्ण कर रजत जयंती मना रहा है, जो हर उत्तराखंडी के लिए गर्व का क्षण है।वहीं नर्सरी से कक्षा 5 तक के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पारंपरिक कुमाऊनी और गढ़वाली वेषभूषा में सजकर मनमोहक झोड़े, कविता पाठ और लोकगीत प्रस्तुत किए, जिनमें उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखाई दी। बच्चों ने राज्य की पारंपरिक खाद्य वस्तुओं जैसे गहत की दाल, भट्ट की दाल, मिश्री, गडेरी, सूप, फाला हाशिया, कूटला (मिदरा) आदि का प्रदर्शन कर स्थानीय परंपराओं को सुंदर रूप में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विद्यालय का संपूर्ण वातावरण उत्तराखंडी संस्कृति के रंगों से सराबोर नजर आया।प्रबंधक कैलाश चंद्र जोशी ने कहा कि आज के बच्चे हमारी संस्कृति के असली संरक्षक हैं, जो अपनी परंपराओं को गर्व के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। अध्यक्ष चंद्रा जोशी, उपप्रधानाचार्य पियूष गुप्ता, कोऑर्डिनेटर हेमा उप्रेती, गीता जोशी, रश्मि भट्ट, सोनी रस्तोगी, नंदनी जोशी, सविता राय, किरणदीप कौर, जसविंदर कौर, महक गुप्ता, दिव्या जोशी, कमला भट्ट, कला अटवाल, जानवी राणा, बसंती सम्मल सहित समस्त शिक्षण स्टाफ की उपस्थिति में कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उपस्थित अभिभावकों ने बच्चों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति और विरासत से जोड़ते भी हैं।