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शिक्षा के अधिकार में भेदभाव नहीं होगा बर्दाश्त:- रिहान अंसारी

शिक्षा के अधिकार में भेदभाव नहीं होगा बर्दाश्त:- रिहान अंसारी

सभासद गंभीर मसले पर जल्द अफसरों से मिलेंगे।
सितारगंज:(चरनसिंह सरारी) नगर के वार्ड चार को निःशुल्क शिक्षा के अधिकार से वंचित करने के मामले में सभासद रिहान अंसारी ने शिक्षा व्यवस्था पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए विरोध जताया हैं। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड की आबादी चार हजार हैं, इसके बावजूद राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के पोर्टल में किसी भी विद्यालय को पंजीकृत नहीं हैं। इस वजह से आरटीई के तहत विवश होकर निर्धन बच्चों को पांच हजार की आबादी वाले अस्पताल में जोड़कर उनके बच्चों के अधिकारों को समाप्त किया गया हैं। जो कि बड़ा निंदनीय विषय हैं। राइट टू एजुकेशन के तहत प्रत्येक बच्चे को शिक्षा पाने का अधिकार है। शासन स्तर से आरटीई के तहत अलॉटेड हुए निर्धन बच्चों को फीस, खानपान, किताबों के लिए सरकार 9 रुपए 69 पैसे खाने, 250 रुपए किताबें और 600 रुपए फीस के चुकाती हैं। माह भर में बच्चे के खानपान को जोड़कर सरकार स्कूलों को काफी पैसा उपलब्ध कराती हैं। इससे गरीब बच्चे सीबीएसई विद्यालय में पढ़ पाते हैं। लेकिन शिक्षा विभाग के सिस्टम ने इस व्यवस्था को पलटकर रख दिया हैं। नगर के वार्ड 4 को आरटीई पोर्टल में कोई भी विद्यालय नहीं दिया गया हैं। इस कारण 4 हजार की आबादी वाले वार्ड चार के बच्चों को नर्सरी, प्राइमरी स्तर पर सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा विभाग ने शातिर तरीके से पांच हजार की आबादी वाले वार्ड तीन को वार्ड चार के ऑप्शन में जोड़कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर दिया। बीआरसी कार्यालय में सार्वजनिक रूप से पंजीकृत आरटीई में चयनित विद्यार्थियों की सूची में वार्ड चार का नाम नदारत है। इसके स्थान पर वार्ड तीन से 29 बच्चे अलॉटेड दिखाए गए हैं। जबकि दोनों वार्डो की जनसंख्या लगभग 9 हजार के करीब हैं। जो प्रतिशत के हिसाब से शून्य दर्शाती हैं। वहीं दूसरी तरफ वार्ड चार के सभासद रिहान अंसारी ने कहा कि शासन की योजना से वार्डवासियों के बच्चों को वंचित नहीं होने दिया जाएगा। किसी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने मांग की शिक्षा विभाग तत्काल शिक्षा के अधिकार के तहत पारदर्शिता पूर्ण समाधान करे।

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