छात्र राजनीति में हाईकोर्ट का ऐतिहासिक दखल—7 फरवरी को पुनर्मतदान का आदेश, कैंपस में खुशी की लहर; तुषार शर्मा बोले– “हमारा संघर्ष रंग लाया, न्याय ने जीत दर्ज की”।
09 दिसंबर, 2025
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नैनीताल/सितारगंज:(चरनसिंह सरारी) उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल ने छात्र संघ चुनाव विवाद में एक मील का पत्थर बन चुका फैसला सुनाते हुए 7 फरवरी 2026 को पुनर्मतदान कराने का आदेश जारी कर दिया, जिससे पूरे क्षेत्र के छात्र संगठनों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता राजविंद्र कौर को सिर्फ इसलिए चुनाव में भाग लेने से रोक देना कि उन्होंने ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाने की जानकारी नहीं दी, न केवल अनुचित है बल्कि नामांकन पत्र की किसी अनिवार्य शर्त का उल्लंघन भी नहीं है, क्योंकि पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते और इसका खुलासा आवश्यक नहीं। कोर्ट ने शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के निर्णय को पूरी तरह वैध बताते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा उस आदेश को न मानने पर कड़ी आपत्ति जताई, कहते हुए कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर और छात्र हितों के विपरीत है। अदालत ने दो टूक कहा कि चुनाव अधिकारी का दायित्व शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराना है, न कि छात्रों में अव्यवस्था पैदा करना। अदालत के आदेश के बाद कॉलेज परिसर में छात्रों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों की बड़ी जीत बताया। इसी बीच पूर्व छात्र संघ कोषाध्यक्ष तुषार शर्मा ने भावुक होते हुए कहा— “आज न्याय ने जीत दर्ज की है। हमारा संघर्ष आखिरकार सफल हुआ। मैं माननीय न्यायालय का आभार व्यक्त करता हूँ, जिसने छात्र हितों की रक्षा करते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय दिया, और अपने अधिवक्ता का भी धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने इस लड़ाई में हमारा साथ निभाया।”