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नानकमत्ता में गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व धूमधाम से संपन्न, भव्य नगर कीर्तन में झलक उठा आस्था व एकता का अद्भुत संगम।

नानकमत्ता में गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व धूमधाम से संपन्न, भव्य नगर कीर्तन में झलक उठा आस्था व एकता का अद्भुत संगम।

नानकमत्ता : (चरनसिंह सरारी) सिखो के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 555 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में आस्था और उल्लास का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सुबह से ही सजीव कीर्तन, गुरु बाणी की मधुर ध्वनियों और ‘सत्‍नाम वाहेगुरु’ के जयघोषों के बीच हजारों श्रद्धालु मत्था टेकने गुरुद्वारा साहिब पहुंचे। विद्युत झालरों, फूलों और आकर्षक सजावट से जगमगाते गुरुद्वारे का दृश्य श्रद्धालुओं को भावविभोर कर रहा था। तत्पश्चात पांच प्यारों की अगुवाई में गुरु ग्रंथ साहिब की फूलों से सजी पालकी, एनसीसी बैंड, कविसरी जत्थों, आकर्षक झांकियों और सैकड़ों संगत के साथ भव्य नगर कीर्तन निकाला गया, जो नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए गुजरा।नगर कीर्तन में गुरु नानक महाविद्यालय, गुरू नानक इंटर कॉलेज, बालिका इंटर कॉलेज, एकेडमी स्कूल सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने अनुशासित पंक्तियों में भाग लेते हुए गुरु के उपदेशों का संदेश दिया। रणजीत सिंह अखाड़ा की गतका पार्टी ने तलवारबाजी, भाले और ढाल के अद्भुत प्रदर्शन से दर्शकों की खूब प्रशंसा बटोरी, वहीं कविशरी जत्थों ने गुरु महिमा का गुणगान कर वातावरण को आध्यात्मिकता से सराबोर कर दिया। नगर में जगह-जगह सेवा भाव से लंगर, प्रसाद, फल, शरबत और जल की व्यवस्था कर संगत का स्वागत किया गया। जिन मार्गों से नगर कीर्तन गुजरा, वहां श्रद्धालुओं ने फूल वर्षा कर पालकी साहिब का नमन किया।नगर कीर्तन का समापन पुनः गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर अरदास व शबद कीर्तन के साथ हुआ। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जोगिंद्र सिंह, महासचिव अमर सिंह, सचिव हरभजन सिंह, प्रबंधक रणजीत सिंह, गुरदयाल सिंह,नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेम सिंह टुरना, डेरा कार सेवा के दारा सिंह, शेर सिंह, डॉ. मनिंदर सिंह गुलाटी, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। प्रकाश पर्व पर नन्हें बच्चों द्वारा गुरु बाणी का गायन, पालकी के आगे झाड़ू लगाती महिलाओं की सेवा भावना और पांच प्यारों के आगे संगत के नतमस्तक होते दृश्य ने सभी को भावुक कर दिया। पूरा नगर गुरु नानक के प्रेम, सेवा और सद्भाव के संदेश से गुंजायमान हो उठा।

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