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ईंट भट्टों की आड़ में कैलाश नदी से धड़ल्ले से मिट्टी चोरी, प्रशासनिक मिलीभगत से वर्षों से चल रहा लाखों का खेल।

ईंट भट्टों की आड़ में कैलाश नदी से धड़ल्ले से मिट्टी चोरी, प्रशासनिक मिलीभगत से वर्षों से चल रहा लाखों का खेल।

सितारगंज:(चरनसिंह सरारी)तहसील क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन का काला कारोबार अपने चरम पर है, जहां गांव रसोईया के पास कैलाश नदी से रात-दिन ट्रैक्टर–ट्रॉलियां मिट्टी भरकर बेखटके निकलती दिखाई देती हैं। सूत्रों के अनुसार, एक कुख्यात मिट्टी माफिया लंबे समय से कुछ स्थानीय प्रशासनिक कर्मचारियों और ईंट भट्टा मालिकों की मिलीभगत से खनन के इस अवैध नेटवर्क को संचालित कर रहा है। माफिया खनन परमिशन खेतों के नाम पर लेता है, लेकिन मिट्टी चोरी से नदी और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों से उठाई जाती है, जिसे बाद में क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। अवैध खनन का यह कारोबार न केवल पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है, बल्कि राजस्व विभाग को भी हर महीने लाखों रुपए का नुकसान पहुंचा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को सब जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े करता है। मिट्टी माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम ट्रैक्टर–ट्रॉलियां दौड़ाकर दिन-रात लाखों की मिट्टी बेच रहे हैं, जबकि प्रशासन की खामोशी पूरे मामले पर पर्दा डालने जैसा प्रतीत होती है।

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