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उकरौली में सत्ता–सिस्टम की छाया में अवैध खनन का काला खेल, खनन नीति रौंदी, नदी का सीना छलनी, जिम्मेदार मौन।

उकरौली में सत्ता–सिस्टम की छाया में अवैध खनन का काला खेल, खनन नीति रौंदी, नदी का सीना छलनी, जिम्मेदार मौन।

सितारगंज:(चरनसिंह सरारी) सितारगंज क्षेत्र के उकरौली क्षेत्र में अवैध खनन अब किसी छिपे हुए खेल की बजाय खुलेआम चल रहा काला कारोबार बन चुका है, जहां शासन से जुड़े विभागों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। खान विभाग द्वारा कुमाऊं मंडल विकास निगम को आवंटित पट्टों पर उत्तराखंड सरकार की खनन नीति के तहत नदी में लिफ्टर, जेसीबी, पोकलैंड व अन्य भारी मशीनों से खनन पर सख्त प्रतिबंध है, इसके बावजूद ठेकेदार ट्रैक्टर मशीनों से दिन-रात खुदान और चुगान कर नदी का सीना चीर रहे हैं। अवैध खनन की जानकारी और ठोस साक्ष्य विभागीय अधिकारियों तक पहुंचने के बाद भी कार्रवाई न होना, पूरे मामले में संरक्षण की आशंका को और गहरा कर रहा है। अधिकारी जांच के नाम पर टालमटोल कर रहे हैं, जबकि इस मौन का फायदा उठाकर खनन माफिया बेखौफ होकर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहा है और सरकार को लाखों रुपये के राजस्व से वंचित कर रहा है। स्थानीय ग्रामीणों में रोष लगातार बढ़ रहा है और अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या उकरौली में कानून सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है, क्योंकि खान अधिकारी मनीष परिहार का “एक-दो दिन में जांच” का बयान भी जनता के गुस्से को शांत करने में नाकाम साबित हो रहा है।

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