नानकमत्ता में ठगी का संगठित नेटवर्क बेखौफ, पुलिस संरक्षण के आरोपों से कानून व्यवस्था पर सवाल।
22 दिसंबर, 2025
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नानकमत्ता (चरनसिंह सरारी)। नानकमत्ता क्षेत्र में खुलेआम चल रहा ठगी का संगठित कारोबार अब भयावह रूप लेता जा रहा है, जहां कुछ संदिग्ध लोग अपने घरों को ही ठगी का अड्डा बनाकर भोले-भाले ग्रामीणों व बाहरी लोगों को बुलाते हैं और लालच, झांसे व फर्जी योजनाओं का सपना दिखाकर उनसे हजारों-लाखों रुपये ऐंठ लेते हैं, जबकि आरोप है कि इस पूरे गोरखधंधे को नानकमत्ता पुलिस के कुछ कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते पीड़ित जब शिकायत लेकर थाने पहुंचते हैं तो उन्हें ही धमकाकर वापस भेज दिया जाता है; हालात इतने गंभीर हैं कि 112 पर कॉल करने के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होती, जिससे ठगों के हौसले दिन-प्रतिदिन और बुलंद होते जा रहे हैं, वहीं यदि कोई शिकायतकर्ता हिम्मत कर उच्च अधिकारियों तक पहुंच भी जाता है तो औपचारिक रूप से एफआईआर तो दर्ज हो जाती है, लेकिन कथित ऊपरी दबाव, पुलिस-ठग गठजोड़ और कमजोर पैरवी के चलते आरोपी या तो आसानी से जमानत पर छूट जाते हैं या फिर पुलिस से साठगांठ कर खुलेआम बाहर घूमते हुए दोबारा ठगी का खेल शुरू कर देते हैं; ऐसे में लुटे-पिटे भोलेभाले लोग बदनामी, डर और न्याय न मिलने की आशंका के कारण चुपचाप घरों में बैठ जाते हैं, जिससे इन संदिग्धों की दिन-दूनी रात-चौगुनी तरक्की हो रही है और क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं।