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सहकारी समिति की दुकानों की बंदरबाट का खिलाड़ी कौन-मुख्य चौराहे पर दुकानें निर्माण का मामला, बदनाम करने वालों पर कार्रवाई के दिए निर्देश।

सहकारी समिति की दुकानों की बंदरबाट का खिलाड़ी कौन-मुख्य चौराहे पर दुकानें निर्माण का मामला, बदनाम करने वालों पर कार्रवाई के दिए निर्देश।

 
सितारगंज:(विशेष ब्यूरो) दक्षिणी, उत्तरी सोसायटी की तरफ से मुख्य चौराहे पर बनाये जा रहे कॉम्पलैक्स की दुकानों के बंदरबाट की अफवाह षहर में आग की तरह फैली। जिसमें कददावर नेता के नाम से लाखों रूपये की ठगी की चर्चा फैली। ठगी, धोखेबाजी, भ्रश्टाचार की कीचड़ में दक्षिणी, उत्तरी सोसायटी के जिम्मदारों की आस्तीनें भी सनाई गई। लेकिन इस खेल को खेलने वाला खिलाड़ी और ठगे जाने वाले मासूम व्यापारियों का आज तक कोई पता नही लग सका है। जिस वजह से सोसायटी में लाखों की रूपये की ठगी का कथित प्रकरण षहर में फैलाने वाले लोगों की गले की हडडी बनता जा रहा है।बताते चलेंकि दक्षिणी, उत्तरी सोसायटी के नाम से दुकानें चहेतों को वितरण करने का मामला तब फैला जब लगभग एक माह पूर्व राश्ट्रीय अखबारों ने मुख्य चौराहे पर बन रहे कॉम्प्लैक्स की दुकानों में जालसाजी कर जालसाज और पीड़ित का बिना नाम खोले कददावर नेता पर लाखों रूपये ऐंठने का समाचार प्रकाशित कर दिया। जो बिना पुश्टि के सोसल मीडिया पर जमकर फैल गया। भाजपा के जीरो टोलरेंस की नीति लागू होने के बाद लोग ठगी, भ्रश्टाचार के मामले की गाहे-बगाहें चाय की दुकानों से लेकर गली के नुकक्कड़ों पर षहर के विभिन्न नेताओं के नामों की चर्चाएं करने लगे। जिसको लेकर षहर की राजनीति में हाहाकार मच गया। दोनों सोसायटी के जिम्मेदारों पर भ्रश्टाचार की उंगलिया उठने लगी। कथित कददावर नेता से सांठगांठ कर कमीशन की चर्चाएं तेज हो गई। अखबारों में बिना सत्यता परखे खबरें प्रकाशित होने पर समिति व षहर के कददावर नेताओं के नाम जालसाजी, ठगी, सांठगांठ और भ्रश्टाचार को लेकर हवा में तैरने लगे। बावजूद इसके समिति के जिम्मेदारों ने अब तक मौन धारण कर रखा है। जो दक्षिणी, उत्तरी सोसायटी के जिम्मेदारों के दामन को दागदार कर रहा है। लोगों में चर्चा है कि समिति की दुकानों पर जो फैली है उस पर समिति ने जांच क्यों नही कराई। प्रकरण में जो भी सत्यता है उसे समाज में सार्वजनिक क्यों नही किया जा रहा है। कौन कथित कददावर नेता है जिसकी समिति के जिम्मेदारों से सांठगांठ है। समिति के जिम्मेदार कथित कददावर नेता से कहीं भयभीत तो नहीं। ठगी का शिकार बने लोगों को सामने क्यों नही लाया गया। ठगी का शिकार हुए कथित लोगों को उनका हक क्यों नही दिलाया गया। यह तरह के सवाल समिति के जिम्मेदारों पर भ्रश्टाचार की कालिख पोत रहे है। दुकानों की बंदरबाट में दूसरा पहलू यह भी हो सकता है कि साजिशन समिति को दुकानों के नाम पर बदनाम करने के लिए पर्दे के पीछे सौदेबाजी तो नही हुई है। इस तरह के सवालों का जबाव सिर्फ बदनाम हुई दक्षिणी और उत्तरी सोसायटी के जिम्मेदारों को ही देना चाहिए। जिससे जीरो टोलरेंस की नीति के बीच समाज में समिति की स्वच्छ और इमानदारी छवि जा सकेगी। 
40 साल से बैठे गरीब व्यापारियों के अधिकारों पर डाके का प्रयास

सितारगंज:दक्षिणी-उत्तरी सोसायटी की दुकानों की बंदरबाट की अफवाह ने 40 वर्शों से बैठे गरीब व्यापारियों के अधिकारों पर डाका डालने का प्रयास किया है। व्यापारियों से इतनी नफरत करने वाला साजिशकर्ता कौन है। जो गरीब व्यापारियों के बच्चों के मुंह से निवाला छीनने की कौशिश कर रहा है। जबकि दोनों सोसायटी मार्केट का निर्माण कर रही है। जिसमें सोसायटी की जमीन के आगे से 40 वर्श बाद हटाए गए पीड़ित व्यापारी हर निविदा को मंजूर कर किराये पर दुकानें मिलने की आस में बैठे हुए है। जिसको लेकर अभी हाल ही में निवर्तमान सभासद रवि रस्तोगी, नवीन भटृ निराला, सुमित अरोरा, राजेंद्र भारद्वाज, तसलीम हुसैन, ओमप्रकाश आदि ने प्रकरण की जांच व अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए एसडीएम को ज्ञापन भी दिया है। 

अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ जल्द होंगे नोटिस जारीः शर्मा
सितारगंज: दक्षिणी-उत्तरी सोसायटी को लेकर जो अफवाहें फैलाई गई है मैं उसकी घोर निंदा करता हुं। समिति को बदनाम करने वालों को बक्शा नही जाएगा। उनके खिलाफ विधिक नोटिस जारी किये जायेंगे। प्रकरण की सत्यता को सार्वजनिक किया जाएगा। अगर प्रकरण में सोसायटी से जुड़े किसी कर्मचारी-अधिकारी का नाम सामने आता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी। नही ंतो समिति को बदनाम करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सचिव को मामले में नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए है। 

नवल शर्मा, अपर जिला सहकारी अधिकारी उधम सिंह नगर

सितारगंज: दक्षिणी-उत्तरी सोसायटी जो दुकानें बनाई जा रही है। वहां बैठे व्यापारियों ने निर्माणाधीन दुकानों को प्राथमिकता से किराये पर दिलाये जाने व ठगी की जांच करने के मामले में ज्ञापन दिया है। दोनों सोसायटी के सचिवों से मामले में आख्या मांगी गई है। 
एसडीएम सितारगाज: रविन्द्र जुआंठा

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